लालगंज आजमगढ़, मां सिद्धेश्वरी देवी धाम पर नवरात्रि के अंतिम दिन श्रद्धालुवों की उमड़ी भीड़। मां सिद्धेश्वरी धाम में क्षेत्र के लोगों की अपार श्रद्धा है। लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर धार्मिक आयोजनों को संपन्न करने के लिए मांता के दरबार में आते हैं। हिन्दू समाज के लोग श्रद्धा और विश्वास के साथ दर्शन पूजन करने यहां आते हैं। माता के दर पर शीश झुकाते हैं और सुख, समृद्धि की कामना करते हैं। हिंदू समाज का प्रत्येक वर्ग अपनी भावी सन्तति का मुंडन संस्कार माता रानी के दरबार में ही करता है ।हमारी बेटियां भी अपने प्रथम पुत्र का मुंडन संस्कार करने माता रानी के ही दरबार में आती है।कितनी अपार श्रद्धा है माता रानी के श्री चरणों में ,जिसका वर्णन नहीं हो सकता। ओम प्रकाश सिंह पूर्व प्रधानाचार्य तिलखरा ने बताया कि यहां का शारदीय पूर्णिमा का मेला बहुत ही प्रसिद्ध है ।जहां दूर-दराज के लोग माता रानी का दर्शन करने और यहां के मेले का दर्शन करने आते हैं। विजयदशमी पर्व भारती संस्कृति की चरैवेति चरैवेति के सिद्धांत को प्रतिपादित करता है। विजयदशमी पर्व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। सिद्धेश्वरी माता मंदिर पर नवरात्रि के समापन पर रात्रि में हवन पूजन के बाद हुई आरती। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर पुजारी राजा राम, सुभाष दीक्षित, सुंदर पांडेय,दिनेश चौबे, महेंद्र चौबे, जितेंद्र, महेंद्र दीक्षित, प्रसिद्ध कथा वाचक श्याम सुंदर पांडेय आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित थे।
Check Also
गीता के मर्मज्ञ तुलसीदास जी महाराज ने कोटा खुर्द में अपने भक्त रमेश चंद्र सिंह व राणा प्रताप सिंह के आवास पर उपस्थित भक्तों को उपदेश देते हुए कहा कि बिना समर्पण के भगवान की प्राप्ति सम्भव नहीं
🔊 पोस्ट को सुनें लालगंज आजमगढ़, अड़गड़ानंद जी महाराज के परम् प्रिय शिष्य, गीता के …