अधीनस्थ कृषि सेवा संघ जनपद इकाई आज़मगढ़ का ज्ञापन
अधीनस्थ कृषि सेवा संघ जनपद इकाई आज़मगढ़ द्वारा अवगत कराया गया है कि संघ ने डिजिटल क्रॉप सर्वे (खसरा पड़ताल) का विरोध करते हुए दिनांक 25/08 /25 को माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय को सौंपा।
संघ ने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे (खसरा पड़ताल) राजस्व विभाग एवं लेखपालों का प्रमुख और मूल दायित्व है। किंतु विडंबना यह है, कि वर्तमान समय में इस महत्वपूर्ण कार्य से लेखपालों को मुक्त कर दिया गया है और कृषि विभाग के कर्मचारियों को इस कार्य हेतु बाध्य किया जा रहा है।
अधीनस्थ कृषि सेवा संघ का कहना है, कि कृषि विभाग स्वयं अनेक विभागीय उत्तरदायित्वों और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में पहले से ही अत्यधिक व्यस्त है। इन योजनाओं में प्रमुख रूप से –
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
बीज वितरण कार्यक्रम
डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण)
प्रधानमंत्री कुसुम योजना
कृषि यंत्रीकरण योजना
इन सीटू एवं इक्स सीटू प्रबंधन योजनाएँ
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) अंतर्गत विभिन्न प्रदर्शन कार्यक्रम
तथा अन्य राज्य एवं केंद्र सरकार प्रायोजित योजनाएँ
शामिल हैं, जिनका समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन कृषि विभाग की प्रमुख जिम्मेदारी है।
इन परिस्थितियों में कृषि विभाग पर अतिरिक्त रूप से डिजिटल क्रॉप सर्वे (खसरा पड़ताल) का भार डालना पूर्णतः अव्यावहारिक, अनुचित और कर्मचारियों के साथ न्यायसंगत नहीं है। यह न केवल विभागीय कार्यों की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा बल्कि किसानों तक योजनाओं के लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया भी बाधित होगी।
अतः अधीनस्थ कृषि सेवा संघ जनपद इकाई आज़मगढ़ की यह स्पष्ट मांग है कि –
जिस प्रकार लेखपालों को डिजिटल क्रॉप सर्वे (खसरा पड़ताल) कार्य से मुक्त किया गया है, उसी प्रकार कृषि विभाग को भी इस कार्य से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए।
संघ ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कृषि विभाग को इस कार्य से मुक्त न किया गया तो संघ व्यापक स्तर पर आंदोलनात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।