अतरौलिया।

रिपोर्टर राजू कुमार
बता दे की अतरौलिया ए तथा छितौनी बी गन्ना सेंटरों पर नागालैंड परमिट से मांगए गए फट्ठा टेलरों से गन्ने की ढुलाई प्रतिदिन की जा रही है जिससे सड़कों पर जहाँ जाम की स्थिति बनी रहती है वही ठंढ और कोहरे के मौसम में सड़को पर दुर्घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही है। ठंड के मौसम में सड़क पर अतिक्रमण कर चलते हुए फट्ठा टेलरों की वजह से दुर्घटनाओं का डर लोगो मे बना रहता है जिस पर प्रशासन जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि फट्ठा ट्रेलर सड़कों पर ओवरलोड गन्ना लोड़कर चीनी मिल पर जाते हैं जिसकी वजह से रास्ते में अतिक्रमण व जाम की स्थिति बनी रहती है वहीं सड़क पर होने वाली दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है जबकि नागालैंड परमिट से मंगाए गए फट्ठा ट्रेलर अतरौलिया ए तथा छितौनी बी सेंटर पर गन्ना लोड़कर सठियांव चीनी मिल के लिए प्रतिदिन रवाना होते हैं ऐसे में प्रशासन की नजर इन पर नहीं पड़ रही है। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि बाहर से मंगाए गए फट्ठा टेलरों की वजह से यहां के लोकल लोगों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है तथा सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं इनकी वजह से हो रही है जबकि गन्ना सेंटरों पर इन्हें गन्ना लोड करने की परमिट नही है बावजूद इसके गन्ना सेंटरो पर फट्ठा टेलरों का उपयोग किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि शासन प्रशासन सड़क पर किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतज़ार रहा है। अब बड़ी बात यह है कि जब प्रतिदिन फट्ठा टेलर से ढुलाई हो रही है तो इससे लोगों को परेशानी क्यों हो रही है? अगर नागालैंड परमिट से मंगाई गई फट्ठा टेलर गाड़ियों से गन्ने की ढुलाई की जा रही है तो क्या प्रशासन इसे देखकर नजर अंदाज कर रहा है? इस संदर्भ में जब अतरौलिया ए के ठेकेदार बेचन से बात की गई तो उन्होंने बताया पूरे चीनी मिल में यही गाड़ियां चल रही है। चीनी मिल के अंदर इन एन एल नंबर की गाड़ियों के नंबर फीड कराए गए हैं जिसका परमिट है। छितौनी बी सेंटर के सहयोगी ठेकेदार संजय सिंह ने बताया कि यह सेंटर बेचन के नाम से है। यहां सभी गाड़ियां ऑल इंडिया परमिट की है गाड़ी के आगे ऑल इंडिया परमिट लिखा हुआ है। यह गाड़ियां कहीं भी जा सकती है इसे ऑनलाइन भी चेक किया जा सकता है। गाड़ी सेंटर से लोड होकर सीधे चीनी मिल को जाती है और खाली गाड़ी को सड़क पर ना खड़ा कर गन्ना केंद्र के अंदर खड़ा किया जाता है जिससे सड़कों पर जाम ना लगे। बड़ी गाड़ी होने की वजह से इसे रोड पर नहीं खड़ा किया जाता। अब ठेकेदार की बात को माने या ग्रामीण की, बहरहाल सड़को पर जाम तो ओवरलोड गन्ना लदे ट्रकों से ही लगता है?
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