अतरौलिया
रिपोर्टर राजू कुमार
बता दें कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित संस्थान के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजदेव चतुर्वेदी ने कहा कि शिक्षा ही विकास और जागरुकता की कुंजी है, जिससे हमारी बेटियां हर सफलता को हासिल कर सकती हैं यहाँ तक कि जमाने की सोच बदल सकती हैं. राजदेव ने बेटियों को साक्षर, शिक्षित, स्वावलंबी, तकनीकी रूप से दक्ष और समझदार बनने और बनाने की सलाह दी। राजदेव चतुर्वेदी द्वारा गुड टच – बैड टच पर चर्चा करते हुए कहा कि लिंग आधारित भेदभाव हमारे समाज में जाने अनजाने में बचपन से ही आरंभ हो जाते है। यह भेदभाव आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक वातावरण के कारण भी होता है, उन्होंने बताया कि हममें से ज्यादा लोग बच्चियों को खेलने के लिए किचन सेट या गुड़िया देते हैं। वहीं बालकों को बंदूक और मोटर कार जैसे खिलौने ला कर देते हैं। इस प्रकार हम बच्चों के कोमल मन में शुरू से ही लिंग भेद का संकेत बैठा देते हैं। राजदेव ने जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम सब लिंग आधारित भेदभाव और असमानता का विरोध करें, ताकि बेटियों और महिलाओं को भी जीने का सामान अवसर व वातावरण मिल सके। गर्ल आइकन के रूप में चयनित किशोरियों अन्नू, गीतू तथा उजाला द्वारा मिलान फाउंडेशन के कार्यक्रम के बारे में बताया गया। इस जागरुकता कार्यक्रम में ज्योति लड़कियों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों को अपने अंदर का हिचक दूर करना चाहिए, इससे बेटियां मानसिक रूप से मजबूत होंगी. उन्होंने 1090, 1098, 112, 1076, 1981 हेल्पलाईन के बारे में विस्तार से बताया। सुधा, सविता, मधु ने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में नाम कर रही हैं । बेटियों को अपनी आजादी और स्वावलंबन के लिए पढ़ना चाहिए।