नौकरी करने रूस गए राजस्थानी युवकों को धोखे से किया गया सेना में भर्ती, गोली लगने से एक जख्मी मामला दर्ज
नौकरी करने रूस गए राजस्थान के डीडवाना निवासी चार युवकों को धोखे से सेना में भर्ती करने का मामला सामने आया है. वहीं, गोली लगने से एक युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया है। ऐसे में अब इन युवकों ने परिजनों ने विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही युवकों को सकुशल भारत लाने की अपील की जा रही है. इतना ही नहीं परिजनों ने युवकों को विदेश भेजने वाले एजेंट के खिलाफ मौलासर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मौलासर थाना अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि रिक्शा का बास निवासी नेमाराम की पत्नी ने मौलासर थाने में आरोपी एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. उसने बताया कि महेंद्र नाम के एजेंट ने उसके पति को कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर बीते 25 जनवरी को रूस भेज दिया था. इसके लिए नेमाराम से आरोपी एजेंट ने 5 लाख रुपए भी लिए थे. साथ ही प्रति माह दो लाख रुपए का वेतन दिलाने की बात कही थी, लेकिन रूस पहुंचने के बाद उसके पति को रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध लड़ने के लिए भेज दिया गया।
केंद्र सरकार से परिजनों ने लगाई मदद की गुहार
महिला ने बताया कि उसके पति का मोबाइल जब्त कर लिया गया है और उसे युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया है, जहां उसके हाथ और पैर में गोली लगी है और वो बुरी तरह से जख्मी हो गया है. इसी तरह से रूसी सेना में भर्ती किए गए तीन अन्य युवक सुनील, जितेंद्र कुमार और रणजीत के परिजनों ने भी मौलासर थाने में एजेंट के खिलाफ धोखाधड़ी कर उन्हें विदेश भेजने और रूसी सेना में भर्ती करा के जंग के मैदान में धकेलने का मामला दर्ज कराया है। वहीं, परिजनों ने अपने बच्चों की सकुशल देश वापसी के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. कुछ ग्रामीण दिल्ली भी गए हैं, जहां वे विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिलकर उनसे जंग के मैदान में फंसे युवकों को सकुशल भारत लाने की अपील कर रहे हैं. इधर, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।