संजय श्रीवास्तव ने परिवार के साथ परेशान किए जाने का लगाया आरोप, न्याय की लगाई गुहार
प्रमोद सिन्हा
गाजीपुर : संजय श्रीवास्तव, पुत्र- कन्हैयालाल श्रीवास्तव ग्राम बडौरा, पोस्ट-डेढ़गावा, थाना सुहवल , जिला गाजीपुर भूतपूर्व सैनिक हैं। उनका आरोप है कि उनके ऊपर एक मकान को लेकर 34 लाख रुपए गमन का आरोप एक पुलिस कर्मचारी अमित सिंह ने लगाया जा रहा है। जो वर्तमान में साइबर सेल में कार्यरत हैं। संजय श्रीवास्तव के परिवार ने आरोप लगाते हुए बताया कि सेवानिवृत होने के पश्चात संजय 2016 से मछली का व्यवसाय कर रहे हैं। इसी दरमियान उनकी मुलाकात रामेश्वर सिंह उर्फ बबलू सिंह पुत्र दूधनाथ सिंह, ग्राम व पोस्ट खालिसपुर (गोपालपुर जिंल्द), थाना नोनहरा, जिला गाजीपुर से हुई। रामेश्वर सिंह संजय श्रीवास्तव के साथ मिलकर मछली व्यवसाय करने लगे। कुछ महीनों पश्चात रामेश्वर सिंह के कहने पर साइबर सेल में कार्यरत अमित सिंह पुत्र बृजनंदन सिंह, जनपद देवरिया भी मछली के व्यवसाय में संजय श्रीवास्तव व रामेश्वर सिंह के पार्टनर बन गए। कुछ सालों तक व्यवसाय बहुत बढ़िया ढंग से चला। जो आमदनी होती थी उसमें से तीनों लोग बराबर के हिस्सेदार हुआ करते थे। पैसे की लालच ने रामेश्वर सिंह व अमित सिंह की नियत बिगाड़ दी। जिसको लेकर संजय श्रीवास्तव से इनका मनमुटाव हो गया। आरोप लगाया जा रहा है कि यह लोग दबंगई के बल पर संजय श्रीवास्तव को परेशान करने लगे। संजय श्रीवास्तव के परिजनों ने बताया कि व्यवसाय में जो भी रुपया रामेश्वर सिंह, अमित सिंह के द्वारा लगाया गया था उसको संजय श्रीवास्तव चेक के माध्यम से तथा बैंक खाते के माध्यम से व नकद भी इन लोगों को देते रहे। अमित सिंह को जब पैसा उनके खाते में डालने की बात आती थी तब वह कहते थे कि मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं। मेरे खाते में पैसा न देकर आप मुझे नकद दे दिया करें। जो संजय श्रीवास्तव के द्वारा उनको नगद दिया जाता था। इसी दरमियान बात इतनी बिगड़ गई की अमित कुमार सिंह ने दिनांक 2 मार्च 2024 को चौकी विशेश्वरगंज में हम सभी परिवार के लोगों को बुलाया और चौकी में कुछ देर बैठाने के बाद जबरदस्ती बल प्रयोग करके चौकी जंगीपुर नवीन कृषि मंडी ले गए। वहां हम सभी को 2 दिन तक चौकी में बैठाए रहे। मुझे, मेरी पत्नी व मेरे बच्चों को बुरी तरीके से मारा पीटा गया। जिसका रिकॉर्ड सीसीटीवी फुटेज में निकलवा कर देखा जा सकता है जो मौजूद होगा। इसके बावत जब हम लोग पुलिस अधीक्षक महोदय से मिलने के लिए जाते थे। तो हम लोगों को मिलने नहीं दिया जाता था। हम अपनी बातें उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने में असफल रहे। और बार-बार उपरोक्त के द्वारा भद्दी- भद्दी गलियां व जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। जिसकी वजह से हम लोग काफी डरे हुए हैं। हम सभी के साथ घटना घट सकती है।