अतरौलिया
रिपोर्टर राजू कुमार
बता दे की विगत 40 वर्षों से चली आ रही छितौनी की रामलीला ऐतिहासिक है जिसमें स्थानीय कलाकारो द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता है जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। शनिवार को रामलीला सम्पन्न होने के उपरांत रावण वध,तथा रावण दहन के साथ ही मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से आए दुकानदार सड़क के पटरियों पर अपनी दुकानों को सजाते हैं और यह मेला देर रात तक चलता रहता है,जहाँ लोग खूब खरीददारी करते है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नरसिह ने बताया कि यह ऐतिहासिक रामलीला काफी प्रसिद्ध है। इसमें सभी स्थानीय कलाकार ही रामलीला का मंचन करते हैं तत्पश्चात आखिरी दिन एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में प्रशासन का पूरा सहयोग मिलता है लेकिन सड़क पटरियों पर मेला लगने की वजह से गाड़ियों का आवागमन चालू रहता है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। प्रशासन मेले के दिन रूट का डायवर्सन करा दे तो काफी अच्छा रहेगा,और मेले की रौनक बढ़ जाएगी।