अतरौलिया में 100 शैय्या हॉस्पिटल में बिजली व्यवस्था बाधित होने से गर्मी में परेशान हुए मरीज, स्वास्थ्य विभाग बेखबर, मोबाइल का टॉर्च जलाकर किया जा रहा मरीजों का इलाज
राजू कुमार
इन दिनों गर्मी और उमस से लोग जहां बेहाल नजर आ रहे हैं वही राजा जयलाल सिंह 100 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों की दुर्दशा बिजली व्यवस्था बेपटरी होने से साफ दिखाई दे रही है। अस्पताल में भर्ती मरीजों का आरोप है कि जब से वह अस्पताल में भर्ती हुए हैं दिन में तो किसी तरह बिजली की आपूर्ति होती है लेकिन शाम ढलते ही अस्पताल परिसर में अंधेरा और सन्नाटा छा जाता है।गर्मी इतनी की उमस और गर्मी से लोग बिलबिलाने लगते हैं। वहीं कुछ मरीज अपने हाथ में देसी पंखा लेकर अपने आप को राहत पहुंचाने का कार्य करते नजर आते। यही नहीं भर्ती मरीजों का यह भी आरोप है कि मोबाइल का टॉर्च जलाकर स्टाफ नर्स द्वारा मरीजो को इंजेक्शन व दवाइयां दी जाती है, कुछ मरीज व उनके परिजन अस्पताल परिसर से बाहर निकल कर अपनी रात गुजारते हैं। अस्पताल प्रशासन की यह घोर लापरवाही मरीज अपनी जुबानी बता रहे हैं। सरकार द्वारा किये जा रहे बड़े-बड़े दावे फेल साबित हो रहे हैं। मई माह की भीषण गर्मी और उमस में मरीज पूरी तरह से बेहाल हो रहे हैं। मरीजो का आरोप है कि बुधवार की शाम विद्युत व्यवस्था खराब होने से पूरे अस्पताल परिसर में लगभग 2 घंटे अंधेरा छाया रहा भर्ती मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा । इसी अंधेरे में स्टाफ नर्स व डॉक्टरों द्वारा मरीजो का इलाज मोबाइल का टॉर्च जलाकर किया गया जबकि अस्पताल परिसर में बड़े-बड़े जनरेटर मरीजों की सुविधा के लिए लगाए गए है बावजूद इसके मरीज गर्मी से बेहाल होते नजर आए ।इस संदर्भ में अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एस के ध्रुव ने बताया कि मरीज जो भी आरोप लगा रहे हैं वह गलत और निराधार है। अस्पताल परिसर में जनरेटर चालू है आवश्यकता पड़ने पर चालू किया जाता है, लोगों को पर्याप्त बिजली मिल रही है ।अस्पताल में एक्सरे के लिए अलग जनरेटर लगा है तथा महिला विंग में भी जो जनरेटर लगा है इसका इस्तेमाल भी अस्पताल में होता है। मरीजो का आरोप बेबुनियाद और निराधार है। अब देखना यह है कि कई दिनों से भर्ती मरीज झूठ बोल रहे हैं या अस्पताल के सीएमएस सच बोल रहे हैं यह तो जांच का विषय है। जबकि मरीजो ने बिजली व्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है।