लखनऊ। पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में बुधवार दोपहर बाद मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) की हत्या कर दी गई। वकील के लिबास में आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। जीवा पर हमलावर ने पीछे से फायरिंग की। वारदात के बाद वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है। वारदात के बाद आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया। जिसमें एसीपी चौक का सिर फट गया। कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तब हालात पर काबू पा सके। भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन कारवास की सजा पाने वाला मुजफ्फरनगर के शाहपुर आदमपुर निवासी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा पिछले बीस साल से जेल में बंद था। उस पर दो दर्जन केस दर्ज हैं। वह हत्या व एससीएसटी के एक केस में बुधवार दोपहर पुलिस अभिरक्षा में पेशी पर लाया गया था।
संजीव उर्फ जीवा के पोस्टमार्टम के बाद केजीएमयू ने बयान जारी कर कहा कि कुख्यात जीवा को मृत हालत में बलरामपुर अस्पताल लाया गया था। उसके शरीर में 16 गोलियों के निशाना पाए गए हैं जो कि दिखाते हैं कि उस पर आठ गोलियां चलाई गई थीं। छह उसकी छाती पर लगीं और दो उसके हाथों पर लगने के बाद आर-पार हो गईं। दोपहर बाद करीब 3ः50 बजे उसके केस की बारी आई। जैसे ही वह उठकर चला वैसे ही अंदर बैठे हमलावर ने उस पर गोलियां दागनी शुरू दीं। कोर्ट रूम से लेकर पूरे परिसर में भगदड़ मच गया। संजीव वहीं पर लहूलुहान होकर औंधे मुंह गिर गया। हमलावर ने भागने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद वकीलों ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह जौनपुर के केराकत के सुल्तानपुर का रहने वाला है। उसका नाम विजय यादव उर्फ आनंद है। पुलिस जीवा को अस्पताल लेकर गई। जहां उसे मृत घोषित कर दिया। संजीव पर पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप था लेकिन बाद में वह कोर्ट से बरी हो गया था।
डॉक्टरों के पैनल से देर रात जीवा का पोस्टमार्टम कराया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, उसेक शरीर से छह गोलियां आर-पार हो गईं। सभी गोलियां पीठ पर बायी तरफ से मारी गईं। सभी आसपास ही लगीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विजय खतरनाक शार्प शूटर है। आशंका यह भी है कि जब गोलियां मारी गईं तो जीवा ने अपना दायां हाथ पीठ की तरफ कर दिया था। इसलिए उस हाथ की अंगलियों को गोली छूते हुए निकली। इसके अलावा जो गोलियां बच्ची, उसकी मां व दो पुलिसकर्मियों को लगी, आशंका है कि जीवा को आरपार होने के बाद लगी। कोर्ट रूम में बीकेटी के भैसामऊ निवासी सौरभ अपनी पत्नी नीलम व पिता के साथ मौजूद थे। नीलम की गोद में उनकी डेढ़ साल की बेटी लाडो भी थी। गोली लाडो की पीठ व नीलम की अंगुलियों पर लगी। दोनों का इलाज जारी है। लाडो की हालत गंभीर है। वह आईसीयू में है। इसके अलावा अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी कमलेश व लाल मोहम्मद भी घायल हुए हैं। दोनों के पैर में गोली लगी है। ये सभी खतरे से बाहर हैं।
वारदात के बाद वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया। कई घंटे तक हाईकोर्ट के गेट पर प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान पथराव भी कर दिया। जिसमें एसीपी चौक सुनील शर्मा का सिर फट गया। कई और पुलिसकर्मियों को भी मामूली चोटें आईं। उनको बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर जब पुलिस अफसर कोर्ट के भीतर जाने का प्रयास किया तो उनसे भी धक्कामुक्की की। हालांकि किसी तरह से वह भीतर गए और फिर कोर्ट रूम तक पहुंचे। तनाव को देखते हुए कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल की तैनात की गई है। आरोपी विजय यादव से पूछताछ जारी है। शुरुआती जांच में पता चला कि विजय साधारण परिवार से है। पिता किसान हैं। विजय चार भाइयों में दूसरे नंबर का है।
2016 में उस पर आजमगढ़ में लड़की भगाने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। जौनपुर में 2020 में उस पर कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन का केस दर्ज किया गया था। पिछले तीन साल से वह मुंबई में रह रहा था। तीन महीने वह जौनपुर वापस लौटा था। हालांकि पिछले एक महीने से उसका संपर्क परिवार से नहीं था। उससे पूछताछ का दौर जारी है। पुलिस यही पता कर रही है कि आखिर जीवा की हत्या किसने और क्यों करवाई। पकड़ा गया आरोपी शूटर है। जल्द पुलिस इसको लेकर खुलासा कर सकती है। इस संबंध में पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया ने बताया कि आरोपी को पकड़ लिया गया है। पूछताछ की जा रही है। वह वकीलों के भेष में आया था। ये पता किया जा रहा है कि वारदात में अकेला यही आरोपी शामिल है या फिर उसके साथी भी हैं। साजिश किसने, कब और क्यों रची। इसकी जानकारी की जा रही है