अतरौलिया के विभिन्न क्षेत्र में बड़े ही धूमधाम से मनाई गई अम्बेडकर जयंती
रविवार को पूरे क्षेत्र में अम्बेडकर जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर अनुयायियों ने पुलिस के कड़ी सुरक्षा के बीच धम्म जूलूस निकाला और जगह – जगह अम्बेडकर प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। अम्बेडकर जयंती को लेकर सुबह से ही धूम रही। प्रातः अनुयायी घरों से निकल कर अपने हाथों में पंचशील का झंडा गमझा , वस्त्र धारण कर जूलूस के शक्ल में विभिन्न मार्गों से होकर चल रहे थे। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के बीच जय भीम आदि के नारे से दिशाएं गूंज रही थी। लोगों ने अम्बेडकर प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। जगह – जगह अम्बेडकर अनुयायियों द्वारा धम्म बंधुओं के लिए जलपान और भोजन दान की व्यवस्था की गयी थी। जुलूस क्षेत्र के दर्जनों गांव छितौनी,कंतालपुर, भरसानी, भोराजपुर, हैदरपुर, पकरडीहा, अतरौलिया से निकाले गए जहां थानाध्यक्ष अतरौलिया द्वारा पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी, साथ ही साथ स्वयं थाना अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह जुलूस के साथ पैदल गस्त करते नजर आए। वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जाति – पाति, छुआ – छूत, ढोंग पांखड आडम्बर के प्रबल विरोधी व समतामूलक समाज के पक्षधर थे। उन्होंने देश को संविधान देकर शोषित, वंचित, पीड़ित समाज को सम्मान से जीने का अधिकार दिलाया। बाबा साहेब डाक्टर भीम राव अम्बेडकर महान चिंतक व समाज सुधारक थे।उन्हें समाज में काफी भेदभाव पूर्ण व्यवहार झेलना पड़ा। भारतीय संविधान निर्माण में बाबा साहेब की भूमिका अविस्मरणीय है। उन्होंने सदैव देश की एकता आखण्ता के लिए संघर्ष किया।