साइबर क्राइम थाना पुलिस आजमगढ़ द्वारा पिड़ित के खाते में रूपया 3 लाख वापस कराया गया
पूर्व की घटना का संक्षिप्त विवरण
आवेदक को एक टेलेग्राम ग्रुप में एक ट्रेडिंग ऐप के बारे में बताया गया जिसके माध्यम से आवेदक को लालच दिया गया कि उनके ट्रेडिंग ऐप में निवेश कर ट्रेड करनें पर पैसे कई गुना बढ़ जायेगें आवेदक झांसे में आकर छोटा-छोटा पैसा लगाना शुरू किया जिसपर प्रार्थी के पैसों में बढोत्तरी होती दिखी जिसे देखकर आवेदक नें बड़ा निवेश किया उसके बाद फर्जी ट्रेडिंग ऐप बंद हो गया पैसे वापसी के लिए आवेदक से चार्ज के रूप में और भी पैसों की मांग की जानें लगी जिसपर आवेदक को संदेह हुआ और आवेदक साइबर थानें आकर प्रार्थना पत्र दिये जिसपर साइबर क्राइम थानें में मु0अ0सं0 24/2024 धारा 419/420 आइपीसी एवं 66सी एवं 66डी आईटी एक्ट पंजिकृत कर कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।
बरामदगी का विवरण
श्रीमान् वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,जनपद आजमगढ़ श्री हेमराज मीना के आदेश के अनुपालन में श्रीमान् अपर पुलिस अधीक्षक महोदय यातायात/नोडल अधिकारी साइबर क्राइम श्री विवेक त्रिपाठी के निर्देशन में व क्षेत्राधिकारी सदर/अपराध श्रीमती आस्था जायसवाल के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे अभियान के क्रम में प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह के व साइबर सेल के हे0का0 ओमप्रकाश जायसवाल द्वारा साइबर थानें पर रजि0 मु0अ0सं0— 24/2024 के विवेचना के क्रम में वादी के खातें से फ्राड हुए धनराशी रूपया— 3 लाख वापस कराया गया।
रिफण्ड करानें वाली टीम
01. नि0 श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह साइबर थाना
02. हे0का0 ओमप्रकाश जायसवाल साइबर सेल
03. का0 एजाज खान साइबर थाना
फर्जी ट्रेडिंग ऐप से सावधान रहें, जागरूकता संदेश:—
📌 1. अधिक लाभ का लालच – धोखाधड़ी की पहली सीढ़ी:फर्जी ऐप्स आपको ट्रेडिंग में बहुत अधिक मुनाफा देने का वादा करते हैं। याद रखें – “जहां ज्यादा लालच, वहां ज्यादा धोखा।”
📌 3. वैध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को पहचानें: केवल SEBI (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) द्वारा रजिस्टर्ड ब्रोकर के माध्यम से ही निवेश करें। SEBI की वेबसाइट पर अधिकृत ब्रोकर की सूची उपलब्ध है।
📌 4. सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप से मिली सलाह पर न करें निवेश:
कई फ्रॉडर्स व्हाट्सएप/टेलीग्राम/फेसबुक ग्रुप बनाकर फर्जी निवेश योजनाएं चलाते हैं। ऐसे लिंक से ऐप डाउनलोड या पैसे ट्रांसफर न करें।
अपना पैसा और मेहनत की कमाई किसी फर्जी वादे के झांसे में आकर न गंवाएं।
साइबर अपराध की रिपोर्ट करें — Helpline 1930 या www.cybercrime.gov.in