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मशहूर कवियत्री महादेवी वर्मा जी की जयंती पर महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उन्हीं के चंदन नगर स्थित आवास पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं संगोष्ठी आयोजित


आज दिनांक 26 मार्च को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में आधुनिक मीराबाई के नाम से दुनिया में विख्यात मशहूर कवियत्री महादेवी वर्मा जी की जयंती पर महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उन्हीं के चंदन नगर स्थित आवास पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं संगोष्ठी आयोजित हुई । गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने महादेवी वर्मा जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया ।जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि वह हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक थीं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। महादेवी ने स्वतन्त्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। न केवल उनका काव्य बल्कि उनके समाज सुधार के कार्य भी महत्वपूर्ण रहे हैं ‌।उन्होंने अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरूआत की और अन्तिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनी रहीं। उनका बाल-विवाह हुआ परन्तु उन्होंने अविवाहित की भाँति जीवन-यापन किया। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ-साथ कुशल चित्रकार भी थी ।उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की भाँति प्रकाशमान है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं। वे पशु पक्षी प्रेमी थी । 27 अप्रैल 1982 को भारतीय साहित्य में अतुलनीय योगदान के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था । वह विधान परिषद की सदस्य भी रहीं ।

इस विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से अमरनाथ श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, मोहन लाल श्रीवास्तव, विजय प्रकाश श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, अमर सिंहराठौर,शैल श्रीवास्तव, अनूप कुमार श्रीवास्तव,अजय कुमार श्रीवास्तव, मेघा श्रीवास्तव, अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, सुधांशु, हिमांशु,आर्यन श्रीवास्तव, प्रियांशु,हर्ष, आदि उपस्थित थे । इस विचार गोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव व संचालन जिला महामंत्री अरुण सहाय ने किया ।

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