चाकीडीह में प्रसिद्ध कथा वाचक श्यामसुंदर पांडेय कहते हैं कि जब भगवान विष्णु चातुर्मास अर्थात् चार महीने के लिए योग शयन निद्रा में चले जाते हैं तो वह संसार की समस्त जिम्मेदारी भगवान भोलेनाथ के ऊपर छोड़ कर जाते हैं। उनके शयन में जाने के बाद पहला महीना श्रावण मास पड़ता है। श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की ही उपासना की जाती है। लोग भगवान भोलेनाथ की उपासना करके आसानी से मनोवांछित फलों की प्राप्ति करते हैं। श्रावण मास में प्रत्येक दिन प्रत्येक मंदिरों पर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना होती है। इसी क्रम में चाकीडीह में महादेव पूजे जा रहे हैं।
इस अवसर पर ओमप्रकाश सिंह पूर्व प्रधानाचार्य तिलखरा, राम नयन सिंह प्रधान, धनंजय सिंह, सोनू कश्यप आदि लोग उपस्थित थे।